प्रसिद्ध angarmoti mandir धमतरी जिले में स्थित है। जो जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अंगार मोती मंदिर धमतरी की सबसे अधिक बार घूमने जाने वाली मंदिरों में से एक है। मंदिर में स्थित mata angarmoti 52 गांवों की अधिष्ठात्री है। लोगों की माता के ऊपर बड़ी आस्था तथा मान्यता है। जिसके कारण लोग दूर-दूर से मां के दर्शन के लिए आते हैं।
यहां आने के बाद आप स्थानीय लोगों से माता अंगार मोती के बहुत से चमत्कारों की कहानी सुन सकते हैं जिनमें माता ने अपने भक्तों की बहुत सी मनोकामना तथा प्रार्थना पूरी की है। इस पोस्ट में मैंने angarmoti mandir in hindi में पूरी जानकारी आपके साथ साझा की है जिसे पढ़ना ना भूले।
अंगार मोती मंदिर के बारे में
अंगार मोती मंदिर धमतरी जिले में स्थित है जो जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा राजधानी रायपुर से मात्र 31 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। angar moti mandir महानदी के दक्षिण दिशा में स्थापित है। वर्तमान में angar moti temple गंगरेल बांध के तट पर स्थित है। mata angar moti के प्रति स्थानीय लोगों में बड़ी आस्था है जो आपके यहां देखने को मिलेगी।
Angarmoti Mandir | अंगार मोती मंदिर
गंगरेल बांध के तट पर स्थित mata angarmoti को स्थानीय लोग वन देवी कहते हैं। मां अंगार मोती मां दुर्गा का स्वरूप है इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। मंदिर को विशाल वृक्ष के नीचे खुले चबूतरे में बनाया गया है जहां पर मां की पूजा आरती की जाती है। अंगार मोती माता के मंदिर को महानदी के दक्षिण दिशा की ओर स्थापित किया गया है। माता अंगार मोती 52 गांवों की अधिष्ठात्री है।
माँ अंगार मोती मंदिर तरीघाट, छत्तीसगढ़ 600 वर्षों से प्रतिष्ठित में angarmoti mandir ग्राम-चंवर में स्थापित था। जिसे बांध के कारण गंगरेल बांध के तट पर स्थापित किया गया। स्थानीय लोगों में देवी मां की बड़ी आस्था है तथा यह मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है। माता के दर्शन मात्र से लोगों के कठिन से कठिन समस्याए ठीक हो जाते हैं तथा बीमारियों से जूझ रहे लोगों की बीमारियों में भी राहत मिलती है ऐसा यहां रहने वाले स्थानीय लोगों का मानना है।
स्थानीय लोगों का माता अंगार मोती के प्रति यह मानता है कि माता उनके मनोकामना की पूर्ति करती हैं जिसके कारण माता को प्रसन्न करने के लिए यहां बकरे की बलि देने की प्रथा है यहां हर शुक्रवार को बलि देने के लिए भीड़ देखी जाती हैं। यहां दिवाली के प्रथम शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जिनमे समस्त देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है तथा दूर-दूर से भारी संख्या में लोग आते हैं।
अंगारमोती की कहानी | History of Angar Moti Mandir
वन देवी मां अंगार मोती परम तेजस्वी ऋषि अंगिरा की पुत्री थी जिसका आश्रम सिहावा के पास गठुला में है। अंगार मोती माता मंदिर 600 साल पुराना है तथा यह मंदिर ग्राम-चंवर में स्थापित था। जब सन 1978 में गंगरेल बांध बनाकर तैयार हुआ उसे समय बांध के कारण अनेक गांवों तथा अनेक प्रसिद्ध देवी देवताओं के मंदिर उसमें समा गए जिनमें से एक प्रसिद्ध मंदिर angarmoti mandir है। फिर सभी गांव वालों ने मिलकर मां अंगार मोती की मूर्ति को उसके पूर्व स्थान से हटकर गंगरेल बांध की दूसरी छोर स्थापित किया। अंगार मोती माता को स्थानीय लोग वनदेवी कहते हैं जिसके कारण माता की मूर्ति को विशाल वृक्ष के नीचे खुले चबूतरे में विधिपूर्वक स्थापित किया। अंगार मोदी माता का मंदिर खुले स्थान में होने के कारण सभी श्रद्धालु भक्त माता की पूजा आरती खुले में ही करते हैं।
किवदंती
स्थानीय लोगों के अनुसार माता अंगारमोती पहले ग्राम चंवर में निवास करती थी। वहां पर कुछ चोरों ने मां की मूर्ति की चोरी कर ली थी जिसमें उन लोगों ने मां के चरणों को नहीं ले जा पाए। जिसके कारण गांव के लोगों ने चरणों को पुनः मां की मूर्ति में परिवर्तित किया फिर उसको प्राण प्रतिष्ठा कर पूरी विधि विधान से गंगरेल बांध के तट पर स्थापित किया।
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Angarmoti mandir Photos
नीचे मैंने माता अंगार मोती के मंदिर की फोटो दी हुई है जिसे आप दे सकते हैं और माता के दर्शन करने धमतरी जा सकते हैं।
अंगार मोती मंदिर जाने का सही समय
माता के मंदिर जाने का कोई भी सही समय नहीं है जब भी आप निराश हो या किसी समस्या में पड़े आप बिना हिचकीचाये माता के दर्शन करने जा सकते हैं। लेकिन फिर भी श्रद्धालु भक्त माता के दर्शन करने के लिए सही समय की तलाश करते रहते हैं। इसलिए मैंने नीचे अंगार मोती मंदिर जाने का सही समय बताया हुआ है जिसे आप देख सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि में – अंगार मोती माता मां दुर्गा का स्वरूप है इसीलिए चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा की जाती है जिस कारण यहां भारी संख्या में भक्ति नवरात्रि के दौरान आते हैं। इसलिए angar moti mandir नवरात्रि में जाना सबसे अच्छा माना जाता है।
अंगारमोती मंदिर कैसे पहुचे
अंगार मोती मंदिर धमतरी में स्थित है इसलिए आपको सबसे पहले धमतरी पहुंचना होगा फिर धमतरी से अंगार मोती मंदिर की दूरी 42 किलोमीटर है जहाँ आप यात्रा के साधन द्वारा बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। इसलिए मैंने नीचे अंगार मोती माता मंदिर पहुंचने के लिए यात्रा के साधन सुझाये हैं जिनकी मदद से आप वहां बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा – यदि आप आप सड़क मार्ग से अंगारमोती मंदिर आना चाहते हैं तो आप बस, कार या फिर अपने बाइक से आ सकते हैं।
ट्रेन द्वारा – आप ट्रेन द्वारा धमतरी पहुंचकर बड़ी आसानी से अंगार मोती मंदिर जा सकते हैं।
हवाई जहाज द्वारा – आप हवाई जहाज द्वारा धमतरी पहुंचकर वहां से टैक्सी द्वारा अंगारमोती मंदिर बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।
Angarmoti Mandir Review in hindi
अंगार मोती मंदिर धमतरी जिले का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामना देवी मां पूरी करती है माता का मंदिर खुले चबूतरे पर बना है जिसमें माता की सुंदर प्रतिमा स्थापित है माता अंगार मोती की मूर्ति के अगल-बगल में हाथी तथा घोड़े की मूर्ति रखी गई है। स्थानीय लोग अंगार मोती माता को वन देवी कहते हैं। मंदिर प्रांगण के सामने बहुत से दुकान अगल-बगल लगी हुई है जिसमें आप माता के लिए चुनरी, श्रृंगार वस्त्र तथा पूजा के समान के साथ प्रसाद ले सकते हैं। यदि आप धमतरी जिले के निवासी हैं तो आपको एक बार माता के दर्शन अवश्य करना चाहिए।
Aangarmoti astha ka prtik hai dardhan sab kar rahe han baki lut lo ki kahwat hai