भारत के मध्यीय राज्य छत्तीसगढ़ अपनी धार्मिक तथा प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है साथ ही छत्तीसगढ़ में स्थित बहुत से प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। छत्तीसगढ़ में बहुत से प्रसिद्ध तथा प्राचीन मंदिर स्थित है, तो चलिए जानते हैं famous temples in Chhattisgarh जिनके बारे में हम बात करेंगे।
Famous Temples in Chhattisgarh | छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध मंदिर
छत्तीसगढ़ अपनी धार्मिक तथा प्राकृतिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है साथ ही छत्तीसगढ़ में स्थित बहुत से प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र है। छत्तीसगढ़ में बहुत से प्रसिद्ध तथा प्राचीन मंदिर स्थित है, जिनके बारे में हम बात करेंगे। तो चलिए जानते हैं famous temples in Chhattisgarh in hindi में।
1. Maa Bamleshwari Mandir
मां बमलेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ में स्थित है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है जो पहाड़ की चोटी पर 1600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मां बमलेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मां बमलेश्वरी का मंदिर छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक देखा जाने वाला मंदिर है मां बमलेश्वरी के मुख्य मंदिर के जमीनी स्तर पर एक और मंदिर स्थित है जिसे छोटी बमलेश्वरी मंदिर कहते हैं। यहां हर साल रामनवमी और दशहरे के दौरान श्रद्धालु लाखों की संख्या में मां बमलेश्वरी के स्टॉपदर्शन करने आते हैं।
2. Danteshwari mata Mandir
मां दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा जिले में स्थित है। जो जिला मुख्यालय से लगभग 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दंतेश्वरी मंदिर को देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ माना जाता है जो मां दंतेश्वरी देवी को समर्पित है।
मां दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा का निर्माण 14 वी शताब्दी के मध्य दक्षिण के चालुक्यो द्वारा कराया गया था।
मां दंतेश्वरी मंदिर की ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर उसे स्थान पर बना है जहां सतयुग के दौरान देवी सती का दांत गिरा था। बहुत से लोगों का मानना है कि मंदिर का नाम काकतीय शासकों के समय के तत्कालीन पीठासीन देवता के नाम पर पड़ा है। यहां हर साल नवरात्रि के समय ज्योत प्रज्वलित की जाती है।
3. Chandrahasini Mandir
मां चंद्रहासिनी देवी मंदिर महानदी के तट पर छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में स्थित है। मां चंद्रहासिनी देवी का मंदिर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है जो मां चंद्रहासिनी देवी को समर्पित है। चंद्रहासिनी मंदिर नवरात्रि के समय आना सबसे अच्छा माना जाता है। यहां होने वाले दैनिक अनुष्ठानों के अलावा भी बहुत से विशेष कार्य नवरात्रि के दिनों में आयोजित पूजा मां चंद्रहासिनी को प्रसन्न करने के लिए की जाती है। यहाँ हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
4. Bhoramdeo Mandir
भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर हैजो कवर्धा से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भोरमदेव मंदिर को चौरागांव नामक गांव में 1000 वर्ष पुराना मंदिर बताया जाता है। भोरमदेव मंदिर का निर्माण लगभग सातवीं से 11वीं शताब्दी के बीच का बताया जाता है। इस मंदिर में खजुराहो मंदिर की बहुत सी झलक देखने को मिलती है, जिसके कारण भोरमदेव मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।
कबीरधाम जिले में स्थित भोरमदेव मंदिर महादेव को समर्पित है। मंदिर को 5 फीट ऊंचे चबूतरे पर निर्मित किया गया है जिसमें तीन प्रवेश द्वार बनाया गया है जिसकी ऊंचाई 60 फुट और चौड़ाई 40 फीट है मंडप के बीच चार स्तंभ है तथा किनारे की ओर 12 स्तंभ बनाए गए हैं।
५. Banjari Mata Mandir
बंजारी माता मंदिर छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित एक लोकप्रिय मंदिर है जो जिला मुख्यालय से लगभग 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बंजारी माता मंदिर एक प्राचीन मंदिर है जो मां बंजारी को समर्पित है। यहां हर साल नवरात्र तथा रामनवमी के दौरान मां बंजारी मंदिर में भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों श्रद्धालु माता बंजारी के दर्शन करने के लिए आते हैं।
६. Jatmai Ghatarani Mandir
जतमई घटारानी मंदिर गरियाबंद जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर है जो जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जतमई घटारानी मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है जो हर समय खुली रहती है। यह स्थान एक प्राकृतिक धार्मिक स्थल है जहां दो मंदिर स्थित है एक जतमई माता मंदिर तथा दूसरा माँ घटारानी मंदिर जो घने जंगलों के बीच स्थित अपनी प्रसिद्धि के लिए जानी जाती हैं। मंदिर के पास एक खूबसूरत झरना स्थित है जो कल कल बहती रहती है और पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती हैं। जिसके कारण पर्यटक हर साल नवरात्रि के दौरान इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर पर्यटकों द्वारा सबसे ज्यादा घूमने जाने वाली मंदिरों में से एक है।
७. Patal bhairavi Mandir
पाताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिकस्थल है जो राजधानी रायपुर से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पाताल भैरवी मंदिर का निर्माण 1998 के आसपास किया गया था। तब से आज तक यह मां पाताल भैरवी मंदिर छत्तीसगढ़ के सभी श्रद्धालुओं के लिए विशेष श्रद्धा का एक केंद्र है। माता पाताल भैरवी ही मां दुर्गा का एक रूप है। मंदिर के अंदर मां भैरवी की रौद्र रूप की मूर्ति स्थापित की गई है जिसकी ऊंचाई 15 फिट है। तथा मंदिर का आकार एक शिवलिंग की तरह बनाया गया है जिसकी ऊंचाई 108 फिट है, जो एक विशाल शिवलिंग की तरह दिखाई देता है।
8. Mahamaya Mandir
मां महामाया मंदिर रतनपुर में स्थित है, रतनपुर एक छोटा सा तालाबों का शहर है। जो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के अंतर्गत आता है। रतनपुर महामाया मंदिर बिलासपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर मां दुर्गा, महालक्ष्मी जी को समर्पित हैं। पूरे भारत में स्थित 52 शक्तिपीठों में से एक है यह रतनपुर का महामाया मंदिर। रतनपुर के महामाया मंदिर का निर्माण 12 से 13वीं शताब्दी में कलचुरी शासको के दौरान का बताया जाता है। इसलिए यह मामा है मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। जहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक नवरात्रि के समय मां दुर्गा के दर्शन करने के लिए आते हैं।
9. Shivani Ma Mandir
मां शिवानी मंदिर कांकेर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर हैं। पूरे भारत में ऐसी अनोखी संरचना वाले दो ही मंदिर स्थित हैं जिनमें से एक छत्तीसगढ़ के कांकेर में तथा दूसरा कोलकाता में स्थित है। मां शिवानी मां दुर्गा तथा मां काली का समन्वय रूप है जिसमें मंदिर प्रांगण के अंदर मां शिवानी की मूर्ति स्थापित की गई है। एक और कारण है जिसके कारण यह मंदिर अन्य मंदिरों से अलग है क्योंकि यह मंदिर जिस जिले में स्थित है उसे जिले से पांच नदियां गुजरती है जिनके नाम इस प्रकार है महानदी, दूध, हटकुल, सिंदूर और तरु जिसके कारण यह मंदिर पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है जिसके दर्शन करने के लिए हर साल भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं।
10. Hatkeshwar Mahadev Mandir
हाटकेश्वर महादेव मंदिर रायपुर जिले में स्थित रायपुर के श्रद्धालु भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है। जो जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हाटकेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। हाटकेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण सन 1402 में नजीराज नाइक द्वारा कराया गया था। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव की प्रतिमा शिवलिंग के रूप में स्थापित है जो स्वयं ही यहां प्रकट हुई है ऐसा यहां रहने वाले लोगों का मानना है। मंदिर के बाहरी भाग में 9 ग्रहो, देवी देवताओं के साथ ही महाभारत और रामायण काल के बहुत से दृश्य को बहुत ही खूबसूरती के साथ चित्रित किया गया है। जो पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। यह रायपुर के सबसे अधिक जाने वाली मंदिरों में से एक है इस मंदिर में महाशिवरात्रि तथा सावन के महीने में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है।
निष्कर्ष
इस पोस्ट में मैंने आपको famous temples in Chhattisgarh के साथ सबसे प्राचीन मंदिरों के बारे में बताया है, जहां आप बड़ी आसानी से रेलगाड़ी, हवाई जहाज तथा सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। पूरे भारत के 52 शक्तिपीठो की पावन स्थल में छत्तीसगढ़ राज्य भी शामिल है। छत्तीसगढ़ के बहुत से प्राचीन धार्मिक स्थल एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। लोग प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि, नवरात्रि तथा सावन के माह में इन प्रसिद्ध मंदिरों में जाकर देवी देवताओं की पूजा करते हैं और अपने और अपने परिवारों की मंगल कामना की प्रार्थना करते हैं।