पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है kuwari mata जो दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव में रहती है। कुंवारी माता नवरात्र के समय 9 दिनों तक उपवास रखकर किलो की खाट पर सोकर अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती हैं।
यह साधना कुंवारी माता मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करती हैं जिसको करते kuwari mata को पूरे 5 साल हो गए हैं। जिसके कारण यहां लोग की भारी संख्या kuwari mata katro के दर्शन करने के लिए लगी हुई रहती है।
कुंवारी माता के बारे में
कुंवारी माता के नाम से प्रसिद्ध कन्या का असली नाम विनेश्वरी साहू है तथा माता का नाम प्यारी साहू है जो छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कातरो नामक गाँव में रहती है। कहा जाता है की यहाँ एक कन्या के ऊपर माँ दुर्गा आती है तथा यहाँ चैत्र नवरात्र में यहा भारी संख्या में भीड़ देखि जाती है।
दुर्ग से कातरो की दुरी 15 किमी है, यहा रहने वाले लोगो की माता कुंवारी के उपर बड़ी आस्था है। तथा यहाँ आस-पास के गाँव से लोग अपनी समस्या के हल के लिए तथा माता कुंवारी के दर्शन के लिए आते है।
तो चलिए Katro wali mata के बारे में जानते है।
Kuwari Mata Katro | कुंवारी माता कातरो
कातरो वाली कुंवारी माता दुर्ग से मात्र 15 किमी की दुरी पर स्थित है। कुंवारी माता से यहाँ रहने वाले लोगो की बड़ी आस्था है। यहां रहने वाली कन्या के ऊपर मां दुर्गा आती है ऐसा लोगों का मानना है।
कातरो की कुंवारी माता पिछले 5 सालों से हर नवरात्र में मां दुर्गा की कड़ी साधना करती आ रही है, जिसमें वह अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती है। साथ ही वह नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की उपवास करती हैं, जिसमें वह बिना अन्न और जल के 9 दिनों तक कील की खाट पर सोई रहती हैं। और चौंकाने वाली बात तो यह है की पुरे नौ दिन बिना शौच जाए वह अपनी साधना में लीन रहती है।
यह एक बहुत कठिन साधना होती है जो हर किसी के बस की बात नही होती। यहाँ रहने वाले लोगो को Kunwari Mata के उपर बड़ी आस्था है जो आपको यहाँ देखने को मिल जायेगा।
कुंवारी माता कातरो की कहानी – Kuwari Mata Katro ki kahani
कुंवारी माता का असली नाम विनेश्वरी साहू तथा माता का नाम पियारी साहू है जो दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव में रहते हैं। माँ पियारी साहू को देवी देवताओं के ऊपर बड़ी आस्था तथा विश्वास है जिसके कारण वह अपने घर बहुत से देवी देवताओं की तस्वीरे रखती है। तथा प्रतिदिन उन सभी देवी देवताओं की पूजा अर्चना करती है.
बचपन से अपनी मां के साथ पली-बड़ी होने के कारण विनेश्वरी को भी अपनी माँ के जैसे देवी-देवताओं में बड़ी आस्था होने लगी और अपनी मां के साथ ही बचपन में वह देवी देवताओं का उपवास रखने लगी। जिसके चलते ही मात्र 12 वर्ष की आयु से ही विनेश्वरी साहू के ऊपर माता आने लगी। लेकिन 2012 में पहली बार विनेश्वरी साहू के ऊपर मां दुर्गा आई फिर सभी लोगों को इसके बारे में पता चल गया फिर क्या था सभी लोगों ने इसे कुंवारी माता मानकर पूजने लगे।
फिर जैसे ही विनेश्वरी साहू को अपने ऊपर माँ दुर्गा की कृपा दिखी उसने मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कड़ी साधना करने की ठानी और 2019 से आज तक नवरात्रि के दौरान 9 दिनों तक उपवास रखकर किलो के खाट के उपर सोकर अपने पेट के ऊपर ज्योत प्रज्वलित करती हैं।
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कुंवारी माता को कुंवारी माता क्यों कहते है
कुंवारी माता को कुंवारी माता इसलिए कहते है की कुंवारी माता मतलब विनेश्वरी साहू की मां पियारी साहू सभी माँओं की तरह यह ख्वाहिश थी कि मेरी बेटी का विवाह हो, वह अच्छे घर में जाए, घर गृहस्ती का जीवन बिताए।
लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई क्योंकि उनकी बेटी के ऊपर मां दुर्गा बचपन से ही आती थी जिसके कारण सभी लोग उसे मां दुर्गा का स्वरूप मानने लगे। जिससे कि उसकी शादी नहीं होने के कारण वह कुमारी ही रह गई जिसके कारण सभी लोग उसे कुंवारी माता के नाम से मानने लगे इसी कारण कुंवारी माता को कुंवारी माता कहते हैं।
FAQs
कुंवारी माता कौन है?
कुंवारी माता एक साधारण कन्या है जिसके ऊपर मां दुर्गा नवरात्र के समय नव रूपों में आती है।
कुंवारी माता कहा की है?
कुंवारी माता दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव की है।
कुंवारी माता कहा है?
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से 15 किलोमीटर दूर कातरो नामक गांव में कुंवारी माता विराजमान है।
कुंवारी माता मंदिर कहा है?
दुर्ग जिले के कातरो नामक गांव में स्थित है कुंवारी माता का मंदिर।
कुंवारी माता को कुंवारी माता क्यों कहते है?
क्योंकि कन्या के ऊपर माता आने के कारण उसकी शादी न होने पर लोगों उसे कुंवारी माता मानने लगे जिस कारण कुंवारी माता को कुंवारी माता कहते हैं।
Conclusion | निष्कर्ष
इस पोस्ट में मैंने kuwari mata के बारे में जानकारी दी है तथा इसके अलावा आपके सारे प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी कोशिश की है। यदि आप दुर्ग के निवासी है तो आपको कातरो की कुंवारी माता के बारे में पता होगा।
यदि नहीं है तो हमने इस पोस्ट में आपको इससे जुड़ी सारी जानकारियाँ दी है जिससे कि आप कातरो में स्थित Kuwari Mata के दर्शन कर पाए और अपने पूरे परिवार के साथ इस नवरात्रि मां दुर्गा की दर्शन कर पूजा आरती कर सकें।
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