क्या आप जानते हैं महासमुंद जिले में स्थित mungai mata mandir में हर शाम भालू माता की आरती में आते हैं। यहां भालू माता के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करते हैं। यह माता का मंदिर घने जंगलों के बीच 300 फीट ऊंचे पहाड़ के ऊपर स्थित है। जहां माँ एक छोटी सी गुफा के अंदर विराजमान है।
चलिए हम आपको पहाड़ी के ऊपर स्थित मां मुंगई माता के बारे में बताते हैं, और मां के दर्शन भी करते हैं जिससे कि आपको शांति प्राप्त होगी और आपकी सारी मनोकामना भी पूर्ण होगी। जानने के लिए आप हमारे साथ बने रहिए।
मुंगई माता मंदिर के बारे में
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से 35 किमी की दुरी पर NH 53 मुख्य सड़क मार्ग पर पटेवा से 6 किलोमीटर दूर स्थित बावनकेरा ग्राम के समीप स्थित है प्रसिद्ध मुंगई माता का मंदिर जो ऊंची पहाड़ की चोटी पर विराजमान है। मुंगई माता मंदिर बावनकेरा गांव मुख्य सड़क से कुछ दूरी पर 300 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। पहाड़ी के आसपास सघन घने जंगल है, जहां आपको जंगली जानवर देखने को मिल जाएंगे।
Mungai Mata Mandir | मुंगई माता मंदिर
प्रसिद्ध मुंगई माता मंदिर के अंदर विराजमान माता मुंगई मां दुर्गा का स्वरूप है। मुंगई मंदिर पहाड़ी के ऊपर एक छोटी सी गुफा के अंदर स्थित है। गुफा के अंदर स्थित मां मुंगई की मूर्ति बहुत ही सुंदर तथा आकर्षक है। माता का मंदिर चारों तरफ से घने जंगलों तथा पहाड़ियों से घिरा हुआ है। पहाड़ पर दो हनुमान जी का चित्र चित्रित है जो यह दर्शाता है कि हनुमान जी माँ मुंगई के रक्षक है।
यहां पर आपको mungai mata mandir के आसपास अन्य देवी देवताओं के छोटे बड़े मंदिर देखने को मिल जाएंगे। यहां पर आपको प्रसिद्ध भोले बाबा के अर्धनारीश्वर रूप देखने को मिल जाएंगे जो की दुर्लभ है। माता रानी के गुफा के अंदर एक कक्ष में आपको ज्योत प्रज्वलित दिखाई देगी जो नवरात्रि के समय की जाती है। नवरात्र में आए सभी श्रद्धालु भक्तों के लिए मुंगई माता मंदिर में मंदिर समिति द्वारा नवरात्रि के 9 दिन भंडारा कराया जाता है, जिसमे भक्तों को खाना खिलाया जाता है।
Mungai Mata Mandir history in hindi
मुंगई माता मंदिर का इतिहास बहुत ही दुर्लभ है मंदिर का इतिहास बहुत पुराना बताया जाता है, मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा यहां आपको mungai mata mandir की बहुत सी कहानीयां सुनाने को मिल जाएगी। पहाड़ के ऊपर स्थित मां का मंदिर और मां मुंगई की मूर्ति बहुत पुरानी दिखाई पड़ती है। पहाड़ के ऊपर चित्रित देवी देवताओं की मूर्तियां आकर्षक हैं, जो भक्तों को अलग ही प्रकार के संदेश देते हैं।
Mungai Mata Mandir bhalu
मैं आपको बता दूं की मुंगई माता मंदिर में भालू शाम को माता की आरती के समय दिखाई पड़ते हैं। जिसमें भालू मां के आरती में सम्मिलित होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं। मंदिर के पुजारी द्वारा मुंगई माता मंदिर में भालू 2012 से आ रहे हैं तथा भालू का माता मुंगई मंदिर आते अभी 12 साल हो गए हैं। यहां आपको भालू शाम 4:00 के बाद देखने को मिलते हैं। यहां पर भालू घने जंगलों के बीच से होते हैं मंदिर समिति के द्वारा यह बताया गया है कि अभी तक इन भालूओं से किसी प्रकार की कोई घटना नहीं पाई गई है।
Note: मंदिर समिति द्वारा भालुओं से दूरी बनाए रखना तथा शाम 4:00 बजे के बाद पहाड़ के ऊपर जाना माना है।
Mungai Mata Mandir photos
नीचे मैंने मुंगई माता मंदिर फोटो दी हुई है जिसे आप देख सकते हैं।
मुंगई माता मंदिर जाने का सही समय
बहुत से श्रद्धालु भक्त mungai mata mandir प्रतिदिन तथा हर महीने आते हैं। मां के दर्शन करने का कोई सही समय नहीं है लेकिन फिर भी लोग मां के दर्शन करने का सही समय खोजते रहते हैं, जिनके बारे में मैं आपको नीचे बताऊंगा की आप माँ मुंगई के दर्शन करने कब आ सकते हैं जिससे कि आपको मां के दर्शन करने पर फल प्राप्त हो और आपकी पूजा संपन्न हो।
नवरात्रि में –
आपको पता ही होगा कि मां मुंगई मां दुर्गा का ही स्वरुप है जिसके कारण सभी देवियों की तरह नवरात्रि में माता मुंगई के दर्शन तथा पूजा अर्चना करना अति महत्वपूर्ण है। इसलिए आप नवरात्रि के समय मुंगई माता मंदिर आ सकते हैं।
मुंगई माता मंदिर कैसे पहुचे
क्या आप मुंगई माता आपके दर्शन करना चाहते हैं तथा आप मुंगई माता मंदिर कैसे पहुंचे यह सोच रहे हैं तो नीचे मैं यहां पहुंचने के लिए यात्रा के कुछ साधन सुझाए हैं जिससे कि आप माता के मंदिर पहुंचकर मां के दर्शन कर सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा – मुंगई माता का मंदिर मुख्य सड़क मार्ग NH 53 के रास्ते स्थित है जिससे आप बस, कार या फिर अपने बाइक से जा सकते हैं।
ट्रेन द्वारा – आप ट्रेन द्वारा महासमुंद पहुंचकर बड़ी आसानी से मां के दर्शन करने आ सकते हैं।
हवाई जहाज द्वारा – आप हवाई जहाज द्वारा महासमुंद पहुंचकर वहां से टैक्सी द्वारा माता के मंदिर तक बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं।
आपके प्रश्न
मुंगई माता मंदिर कहा है
मुंगई माता मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से 35 किलोमीटर की दूरी पर बावनकेरा ग्राम में स्थित है।
मुंगई माता मंदिर क्यों प्रसिद्ध है
मुंगई माता के मंदिर में शाम के समय भालू का माँ की आरती में आने के कारण प्रसिद्ध है।
मुंगई माता मंदिर में भालू देखने का समय
मुंगई माता मंदिर में भालू शाम के 4:00 के बाद देखने को मिलते हैं।
मुंगई माता मंदिर कितनी ऊंचाई पर स्थित है
मुंगई माता का मंदिर मुख्य सड़क मार्ग से 300 फीट ऊंची पहाड़ की चोटी पर स्थित है।
रायपुर से मुंगई माता मंदिर की दुरी कितनी है
रायपुर से मुंगई माता मंदिर की दुरी 80 किलोमीटर है।
निष्कर्ष
यदि आप घुंचापाली में स्थित मां चण्डी के बारे में जानते हैं जहां भालू शाम 4:00 बजे के बाद माता के आरती में सम्मिलित होकर प्रसाद ग्रहण करते हैं इस प्रकार mungai mata mandir में आपको शाम के समय भालू देखने को मिल जाएंगे। यहां आप आकर मां के दर्शन कर सकते हैं जो की 300 फीट ऊंचे पहाड़ की चोटी पर विराजमान है। पहाड़ के ऊपर से वातावरण का दृश्य रमणीय दिखाई पड़ता है जो आपके मन को शांति प्रदान करता है।
यदि आप Mungai mata mandir Mahasamund गए हैं तो अपना Experience Shere करना ना भूले, आप हमें कमेंट में जरूर बताएं। आपका दिन शुभ हो
धन्यवाद!