छत्तीसगढ़ अपनी प्राचीन संस्कृति और विरासत के लिए जाना जाता है। यहां कई ऐसे प्राचीन मंदिर हैं जो अपनी भव्यता और चमत्कारों के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में भक्तों को देवी-देवताओं की अलौकिक शक्तियों का अनुभव होता है और उनकी अद्भुत कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस Article में हम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के धार्मिक, प्रसिद्ध और तीर्थ स्थलों के बारे में जानेंगे। हम आपको famous temples in raipur की सूची देंगे, जो इसे सभी रायपुर के श्रद्धालु भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनाटी हैं। रायपुर जिले में स्थित ये सभी प्रसिद्ध मंदिर छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के हिंदू समाज के लिए आस्था का केंद्र हैं। चलिए Post में आगे बढ़ते हैं।
Famous Temples in Raipur | रायपुर के प्रसिद्ध मंदिर
रायपुर जिले में बहुत से प्राचीन तथा प्रसिद्ध मंदिर स्थित है जहां हमें बहुत से देवी देवताओं के मंदिर देखने को मिलते हैं जो अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं। तथा यहां स्थित मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। लेकिन हम आपको रायपुर जिले के उन सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताएंगे जो रायपुर जिले में स्थित है तथा पुरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है।
1. Banjari mata mandir ( बंजारी माता मंदिर )
पहला, रायपुर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, बंजारी माता मंदिर, राजधानी रायपुर से बंजारी माता मंदिर, मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर MG Road पर स्थित है, यह मंदिर रायपुर के निवासियों के लिए एक बड़ा आस्था का केंद्र है, यहाँ प्रतिदिन सैकड़ो भक्त माता बंजारी के दर्शन करने के लिए आते हैं, बंजारी देवी माता दुर्गा का ही रूप हैं, जिसके कारण यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है, माना जाता है कि पहले यह स्थान एक बंजर जमीन हुआ करती थी, जहां खुदाई के दौरान बंजारी माता की मूर्ति प्राप्त हुई, मूर्ति की कलाकृति और शैली से अनुमान लगाया जाता है कि यह, 500 वर्ष पुरानी हो सकती है, यह मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के कारण रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है।
2. Marhi Mata Mandir ( मरही माता मंदिर )
दूसरा, मरही माता मंदिर, यह मंदिर रायपुर जिले में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर ब्रिटिश शासन के समय का बताया जाता है। मरही माता मंदिर जिला मुख्यालय रायपुर से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल के पास स्थित है। मरही माता मंदिर का इतिहास 101 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित माता मरही मां दुर्गा का स्वरूप है, इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। हॉस्पिटल के पास स्थित होने के कारण, यह मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। मरही माता मंदिर डोमार समाज की कुलदेवी मानी जाती है। वहीं, मीठी रोटी माता का प्रमुख भोग है। जिसे माता के प्रमुख भक्त दास नागदेव पिछले 40 वर्षों से अपने घर पर बनाकर माता के लिए लाते हैं।
3. Mahamaya Mandir ( महामाया मंदिर )
तीसरा, माँ महामाया मंदिर, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित, सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर है, जो चमत्कारी कहानियों से भरा हुआ है। हम बात कर रहे हैं, रायपुर के महामाया मंदिर की, जो 1400 वर्ष पुरानी है। रायपुर के महामाया मंदिर का इतिहास तथा प्रसिद्धि 1400 वर्षों से चली आ रही है। यह महामाया मंदिर, हैहयवंशी राजाओं की कुलदेवी मानी जाती है, जिसके दर्शन करने के लिए भक्त देश-विदेश से आते हैं। मां महामाया मां दुर्गा का स्वरूप हैं, इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। मंदिर की आकृति गुंबज श्री यंत्र के आकार की बनाई गई है, तथा मंदिर के गर्भगृह में मां महामाया देवी, मां महाकाली के स्वरूप में अपनी भव्य प्रतिमा के साथ विराजमान हैं। इसलिए यह मंदिर रायपुर के निवासियों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
4. Kali Mata Mandir ( माँ काली मंदिर )
चौथे, माँ काली मंदिर, छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक, रायपुर जिले के ह्रदय स्थल में विराजमान है। यह मंदिर, जिला मुख्यालय से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पिछले 25 वर्षों में रायपुर माँ काली मंदिर ने अत्यंत ख्याति प्राप्त की है। मां काली के दर्शन करने के लिए भक्त देश-विदेश से यहां पहुंचते हैं। कहा जाता है कि यह मंदिर अंग्रेजों के शासनकाल का है। मंदिर से जुड़ी एक रोचक मान्यता है कि मां काली का शरीर इसी मंदिर में विराजमान है, जबकि उनकी आत्मा कोलकाता में है। इसी कारण दूर-दूर से तांत्रिक भी मां काली की पूजा-अर्चना करने के लिए रायपुर के इस मंदिर में आते हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों भक्तों की भीड़ देखी जाती है। यह मंदिर श्रद्धालु भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। यहां आप अपने पूरे परिवार के साथ माँ काली के दर्शन करने आ सकते हैं।
5. Kankali Mata Mandir ( कंकाली माता मंदिर )
पांचवां, कंकाली माता मंदिर, रायपुर जिले में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह रायपुर शहर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 700 वर्ष पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर के पास एक गहरा तालाब है, जिसकी गहराई 30 फीट है। तालाब के बीच में एक शिव मंदिर है, जिसका आधा भाग पानी में डूबा हुआ है।
यह मंदिर महंत कृपाल गिरी महाराज द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है कि पहले यहाँ शमशान घाट हुआ करता था, जिसके कारण यह ऐतिहासिक तालाब पूरे छत्तीसगढ़ में कंकाली तालाब के नाम से जाना जाता है। साल के दोनों नवरात्रि में यहाँ बहुत भीड़ देखी जाती है। दूर-दूर से श्रद्धालु भक्त माता कंकाली के दर्शन करने के लिए आते हैं।
6. Danteshwari Mata Mandir ( दंतेश्वरी माता मंदिर )
छठवाँ, दंतेश्वरी माता मंदिर, प्रसिद्ध दंतेश्वरी माता मंदिर, जो रायपुर शहर में स्थित है, एक प्राचीन और भव्य मंदिर है। यहां के निवासियों के लिए यह स्थल एक आस्था का केंद्र है। यह मंदिर रायपुर से लगभग 3 किलोमीटर दूर कुशालपुर गांव के पास स्थित है। यह मंदिर दंतेवाड़ा में स्थित प्रसिद्ध माँ दंतेश्वरी का ही स्वरूप मानी जाती है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है। रायपुर में स्थित यह मंदिर दंतेवाड़ा जिले के दंतेश्वरी मंदिर की याद दिलाता है, क्योंकि दंतेवाड़ा में ही माँ दंतेश्वरी का मुख्य प्राचीन मंदिर है। यहां चैत्र एवं नवरात्र में भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। यदि आप रायपुर जिले में रहते हैं, तो आपको माँ दंतेश्वरी के दर्शन अवश्य करने चाहिए।
7. Shitla Mata Mandir ( शीतला माता मंदिर )
सातवाँ, शितला माता मंदिर, रायपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का इतिहास 250 वर्ष पुराना बताया जाता है। यह रायपुर जिले में स्थित सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर की रूपरेखा भव्य तरीके से बनाई गई है। मंदिर के गर्भगृह में माता शितला की भव्य प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि माता शितला देवी स्वयं जमीन से प्रकट हुई थीं। मंदिर के अंदर विराजमान माता शितला की प्रतिमा पत्थर रूप में है। आसपास स्थित अन्य देवी-देवताओं की भी, बिना रंग-रूप के पत्थर रूप में ही पूजा की जाती है। यहाँ सभी लोगों द्वारा माता शितला की पिंडी रूप में पूजा की जाती है। पत्थर के ऊपर माता के दो नयन बड़े सुंदर तरीके से उजागर किए गए हैं। माता को चुनरी द्वारा श्रृंगार करके विराजमान किया गया है। मंदिर में माता शितला की नवरात्रि के समय सप्तमी तिथि पर पूजा-अर्चना करने के लिए महिलाओं की भारी संख्या देखी जाती है।
मावली माता मंदिर रायपुर में स्थित माता दुर्गा का स्वरूप है इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। जिला मुख्यालय से मावली माता मंदिर की दूरी मात्र 2 किलोमीटर है। जिससे कि श्रद्धालु भक्तों को माँ मावली देवी के दर्शन करने में आसानी होती हैं। यह मावली माता मंदिर बलौदा बाजार जिले में स्थित मावली माता मंदिर का स्वरूप है जो भाटापारा सिंगारपुर में स्थित है। यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित होने के कारण नवरात्र के दौरान श्रद्धालु भक्तों की ज्यादा से ज्यादा भीड़ देखी जाती हैं।
8. Kaushalya Mata Mandir ( कौशल्या माता मंदिर )
आठवाँ, कौशल्या माता मंदिर, पूरा छत्तीसगढ़ कहें या पूरा भारत, माता कौशल्या देवी का प्राचीन मंदिर, जो छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमें भगवान राम की माता, कौशल्या देवी की पूजा की जाती है। पुराणों में बताया गया है कि माता कौशल्या का यह जन्मभूमि थी। मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है, तथा मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर चंदखुरी नामक गांव में स्थित है। यह मंदिर रायपुर जिला मुख्यालय से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माता कौशल्या का मंदिर एक बड़े तालाब के बीचों बीच स्थित है, जो भव्य रूप से निर्मित किया गया है। मंदिर प्रांगण में रामायण काल के बहुत से दृश्य बनाए गए हैं, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मंदिर के पास, माता कौशल्या के प्रिय पुत्र हमारे श्री राम जी की 51 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है, जो दूर से भव्य तरीके से दिखाई देती है।
9. Shree Ram Mandir ( श्री राम मंदिर )
नौवां, श्री राम मंदिर, रायपुर से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर, रायपुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री राम मंदिर, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। श्री राम मंदिर की रूपरेखा बहुत ही भव्य तरीके से बनाई गई है, जिसमें मंदिर के अंदर, श्री राम तथा माता सीता की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। श्री राम मंदिर में भगवान राम की पूजा करने के बाद, यहाँ स्वादिष्ट भोग श्री राम जी के लिए बनाया जाता है। इस भोग को राम जी को परोसने के बाद, अन्य लोगों में वितरित किया जाता है। यहाँ बनने वाले प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं, जिसे खाने के लिए भक्त, दूर-दूर से श्री राम मंदिर में आते हैं। यह मंदिर ट्रस्ट के द्वारा मात्र ₹20 में लोगों को स्वादिष्ट भोजन कराया जाता है, जो सुबह 10:30 से 2 बजे तक होता है।
10. Hanuman Mandir ( श्री हनुमान मंदिर )
दशवाँ, श्री हनुमान मंदिर, छत्तीसगढ़ में अनेक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर हैं जो अपनी प्रसिद्धि के लिए जाने जाते हैं। इनमें से एक, रायपुर जिले में स्थित हनुमान मंदिर भी है। मंदिर का इतिहास 400 वर्ष पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि महावीर हनुमान जी स्वयं यहां मूर्ति रूप में प्रकट हुए थे। तब से यहां भक्तों द्वारा श्री हनुमान जी की भव्य प्रतिमा को विराजमान करके विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया। तब से यह मंदिर अंबिकापुर के श्री हनुमान मंदिर की तरह प्रसिद्ध है, जो प्रतिदिन आकार में बढ़ती जा रही है।
लेकिन रायपुर के श्री हनुमान मंदिर के बारे में कहा जाता है कि पहले हनुमान जी की मूर्ति एकदम सीधी थी, लेकिन अब एक तरफ झुक गई है। इसका मुख्य कारण किसी को नहीं पता। यह मंदिर जिला मुख्यालय रायपुर से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां मंगलवार तथा शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। इन दिनों भक्त महावीर हनुमान के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
11. Shadani Darbar ( सदानी दरबार )
ग्यारहवां, सदानी दरबार, रायपुर जिले में स्थित, हिंदू समाज के लिए एक धार्मिक तीर्थ स्थल से कम नहीं है। यह जिला मुख्यालय रायपुर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का इतिहास 7वीं शताब्दी के आसपास का बताया जाता है। इसका निर्माण संत सदाराम महाराज जी की पुण्यतिथि के अवसर पर कराया गया था। मंदिर की रूपरेखा भव्य तरीके से निर्मित की गई है। इसमें बहुत से देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को मूर्ति के रूप में चित्रित किया गया है, जो यहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों तथा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। जिसके कारण यह मंदिर यहां के लोगों के लिए एक बड़ी आस्था का केंद्र बना हुआ है। सदानी दरबार पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के हिंदू समाज के लिए धार्मिक तथा तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है।
12. Hatkeshwar Mahadev Mandir ( श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर )
श्री हटकेश्वर महादेव मंदिर, राजधानी रायपुर से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 600 वर्ष पुराना बताया जाता है। श्री हटकेश्वर महादेव मंदिर को भव्य रूप से निर्मित कराया गया है। गर्भगृह के अंदर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का इतिहास 1402 ईसवी पूर्व का बताया जाता है। इसे उस समय के कलचुरी शासक “हाजीराज नाइक” ने निर्मित कराया था। रायपुर में स्थित श्री हटकेश्वर महादेव मंदिर, उज्जैन के महाकाल मंदिर के दर्शन करने जितना ही महत्व प्रदान करता है। श्री हटकेश्वर महादेव मंदिर में 500 वर्षों से अखंड धूनी प्रज्वलित कराई जा रही है। जिसके कारण यह मंदिर महादेव के भक्तों के लिए एक बहुत ही बड़ी आस्था का केंद्र बना हुआ है। तथा जो लोग उज्जैन के महाकाल मंदिर नहीं जा पाते, वे रायपुर के श्री हटकेश्वर महादेव मंदिर जाकर महादेव के दर्शन करते हैं।
13. Shree Khatu Shyam Mandir ( श्री खाटू श्याम मंदिर )
तेरहवां, श्री खाटू श्याम मंदिर, रायपुर जिले के समता कॉलोनी में स्थित है। इस मंदिर को विशाल भव्य महल के आकृति के रूप में बनाया गया है, जिसके कारण यह मंदिर अपनी भव्यता और विशाल आकृति के लिए जाना जाता है। श्री खाटू श्याम के भक्तों के लिए यह मंदिर एक बड़ी आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में हर साल भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है और यहां पर बहुत से उत्सव आयोजित किए जाते हैं, जिसमें फाल्गुन उत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। रायपुर के आसपास के अन्य बड़े शहरों के लोग भी इस उत्सव में उपस्थित होते हैं। मंदिर की प्रसिद्धि के कारण यहां खाटू श्याम जी की पूजा-अर्चना में भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है। यदि आप रायपुर में श्री खाटू श्याम जी के दर्शन करना चाहते हैं, तो यह मंदिर रायपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जहाँ आप अपने परिवार के साथ जा सकते हैं।
रायपुर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?
रायपुर में बहुत से प्रसिद्ध देवी देवताओं के मंदिर है जो अपनी प्रसिद्धि के कारण जाने जाते हैं। लेकिन आपको बता दूं रायपुर जिले में ऐसे कुछ मंदिर है जिनके कारण रायपुर शहर एक धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है। जिससे मैं नीचे बताया हुआ है उन मंदिरों के कारण रायपुर पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है।
- कौशल्या माता मंदिर
- श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर
- बंजारी माता मंदिर
- महामाया माता मंदिर
- काली माता मंदिर
How to reach ( कैसे पहुचें? )
यदि आप रायपुर जिले के निवासी हैं तथा आप famous temples in raipur में जाकर प्रसिद्ध देवी देवताओं के दर्शन करना चाहते हैं तो आप वहां बड़ी आसानी से इन यात्रा के साधन द्वारा पहुंचकर प्रसिद्ध देवी देवताओं के दर्शन कर सकते हैं। साथ ही यदि आप रायपुर जिले के बाहर के निवासी हैं तो भी मैंने आपके लिए यात्रा के साधन नीचे सुझाए हैं जिनकी सहायता से आप रायपुर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा – सड़क मार्ग द्वारा आप बस, कार, मोटरसाइकिल तथा टैक्सी द्वारा बड़ी आसानी से रायपुर में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
ट्रेन द्वारा – यदि आप रायपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों को दर्शन करना चाहते हैं तो आप ट्रेन की सहायता से रायपुर पहुंचकर रायपुर में स्थित प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं।
हवाई द्वारा – हवाई मार्ग के द्वारा आप बड़ी आसानी से रायपुर किसी भी जगह से पहुंच सकते हैं तथा यहां पहुंचकर प्रसिद्ध देवी देवताओं के दर्शन कर पूजा अर्चना कर सकते हैं।
Raipur Temples Reviews
रायपुर जिले में बहुत से प्रसिद्ध देवी देवताओं के मंदिर स्थित है, जो हमारे हिंदू समाज के लिए एक बहुत बड़ा आस्था का केंद्र है। रायपुर जिले में बहुत से ऐसे मंदिर स्थित है जो अपनी प्राचीनता के लिए जाने जाते हैं यहाँ हमें अंग्रेजों के शासनकाल में निर्मित प्रसिद्ध मंदिर भी देखने को मिलते हैं तथा इससे भी पुराने मंदिर भी स्थित है जो कलचुरी राजाओं द्वारा निर्मित कराए गए थे। ऐसे ऐतिहासिक तथा प्राचीन मंदिरों का दर्शन आप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बड़ी आसानी से यात्रा की साधन द्वारा पहुंचकर famous temples in raipur के प्रसिद्ध देवी देवताओं के दर्शन कर सकते हैं।