Sadani Darbar Raipur | रायपुर का पवित्र धार्मिक स्थल

जानिए सदानी दरबार के बारे में जो रायपुर जिले में स्थित बहुत से श्रद्धालु भक्तों के लिए एक आशा का केंद्र है जिसे बहुत से लोग एक तीर्थ स्थल से काम नहीं समझते। sadani darbar raipur में बहुत से संत महात्माओं की मूर्तियां स्थापित है। जिन्हें स्थानीय लोगों के द्वारा भगवान का स्वरूप माना जाता था। यहां आपको उन्ही संत महात्माओं की बहुत सी सत्कर्म की कहानीयां सुनने को मिलेंगे। जिसके स्मृति में यह शदाणी दरबार का निर्माण किया गया है।

इस पोस्ट में हम आपको sadani darbar raipur के बारे में पूरी जानकारी देंगे। जिसमें हम सदानी दरबार के इतिहास तथा सदानी दरबार में स्थित उन 9 संतों के नाम की सूची भी देंगे। जो यहां विद्यमान है जिनके दर्शन करने बहुत से श्रद्धालु भक्त दूर-दूर से आते हैं।

Sadani Darbar Raipur | शदाणी दरबार रायपुर 

शदाणी दरबार रायपुर, छत्तीसगढ़ के बाहरी इलाके में एक शांतिपूर्ण और पवित्र स्थान है जिसे Pujya Shadani Darbar के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर सिंधी समाज के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और भगवान शिव के अवतार संत सदाराम जी को समर्पित है।

मंदिर का निर्माण 1988 में शुरू हुआ और 1991 में पूरा हुआ। यह 12 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें एक भव्य मंदिर, एक विशाल हॉल, एक पवित्र कुंड, एक तुलसी सरोवर और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर का गर्भगृह है, जहां संत सदाराम जी की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति कांसे की बनी हुई है और यह बहुत ही सुंदर और आकर्षक है। गर्भगृह में हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

मंदिर में हर दिन कई धार्मिक अनुष्ठान और समारोह आयोजित किए जाते हैं। इनमें पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, सत्संग और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। मंदिर में हर साल संत सदाराम जी की जयंती के अवसर पर एक बड़ा मेला भी आयोजित किया जाता है।

शदाणी दरबार एक ऐसा स्थान है जहां लोग आकर शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकते हैं। यह मंदिर सभी धर्मों के लोगों के लिए खुला है और यहां आने वाले सभी लोगों का स्वागत किया जाता है।

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Sadani Darbar raipur

शदाणी दरबार का इतिहास

संत शदाराम जी महाराज ने 1708 ईस्वी में पंजाब के लाहौर शहर में एक लोहाणा खत्री परिवार में अपने आविर्भाव किया था। वे अपने बचपन से ही भगवान की भक्ति में लीन रहते थे और अपनी अद्भुत शक्तियों का उपयोग लोककल्याण, परोपकार, और रामनाम के प्रचार-प्रसार के लिए करते थे।

अपनी यात्रा के दौरान, संत महाराज जी ने पशुपतिनाथ मंदिर, कुरुक्षेत्र, हरिद्वार, पानीपत, दिल्‍ली और पुष्कर राज तीर्थों का धार्मिक प्रचार किया। उन्होंने सन्‌ 1768 में ऐतिहासिक नगर माथेलो (सिंध) में पहुंचकर, वहां के शिव मंदिर में ठहराव स्थापित किया, जहां बहुत से भक्‍तगण गुलाम शाह कल्होड़ा के अत्याचारों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते थे। इसीस्थान पर, संत महाराज जी ने धुनी रमाकर तपस्या की और ईश्वर की भक्ति का प्रचार-प्रसार किया, जिससे वहां का वातावरण सुख-शांति और हमेशा के लिए सदाचार से भरा रहा।

संत सदाराम जी के प्रचार प्रसार के कारण हिंदुओं और मुसलमानों में एकता बढ़ने लगी जिसकी फल स्वरुप वहां की अत्याचारी शासक गुलाम शाह के अत्याचारों का अंत हुआ। तथाइस कार्य से हिंदू मुस्लिम दोनों वर्गों में सद्भाव तथा प्रेम दिखाई देने लगा। जिसके कारण वहां संत सदाराम जी भगवान शिव का अवतार कहने लगे।

निम्न सूची से जानते हैं संतों के नाम

1. संत शदाराम साहिब (1708-1793)

2. संत तुलसीदास साहिब (1703-1799) 

3. संत तखतलाल जी तथा हजूरी साहिब 

4. संत तनसुखराम साहिब (1804-1852) 

5. माता हासी देवी साहिब

6. संत मंगलाराम साहिब (1885-1932) 

7. संत राजाराम साहिब (1882–1960)

8. संत गोविंदराम साहिब

9. संत युधिष्ठिर लाल साहिब

आठवीं नंबर पर विद्यमान संत गोविंदराम साहिब जी पंडरी रायपुर में स्थित पूज्य सदानी दरबार सन 1969 के आसपास पधारे थे। जिसे उनके शिष्यों ने 1960 में बनवाया भाई संतराम दास तथा भाई हरदास राम जी के साथ। 

जिसके कारण ही इन पूज्य संतों की समिति में संत सदाराम की स्मृति 1990 में भव्य सदानी दरबार का निर्माण किया गया। गर्भ गृह में विराजमान धुणी साहब मंदिर का एकमात्र आकर्षण है जिसे देखने भक्त आते है।

धुणी साहब शदाणी दरबार
धुणी साहब शदाणी दरबार

रायपुर के धार्मिक स्थलों में से एक sadani darbar की गर्भ गृह में बाहर की और दही तरफ सभी संतो की क्रमागत जीवंत मूर्तियां को संगमरमर से निर्मित किया गया है। जो यहां आने वाली समस्त श्रद्धालुओं की कष्टों तथा पीड़ा हरण करने के लिए परिपूर्ण मानी जाती है। 

शदाणी दरबार के चारों ओर वैदिक काल के बहुत से ऋषि मुनियों की मूर्तियां कई जगह छोटे-छोटे मंदिरों के रूप में स्थापित है। शदाणी दरबार मुख्य मंदिर के अगल-बगल भगवान श्री कृष्णा तथा मां दुर्गा की भव्य अति सुंदर मूर्तियां स्थापित है।इसके अलावा भी यहां संत तुलसीदास जी के आशीर्वाद स्वरुप परिसर के पास तुलसी सरोवर भी बना हुआ है जहां आए श्रद्धालु भक्त सरोवर में अपने पापों से मुक्ति पाए हैं। 

यदि आप sadani darbar raipur आते हैं तो आपको यहां बहुत से मान्यताएं देखनी तथा सुनने को मिल जाएगी जिसके कारण यहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त आते हैं। अधिकतर श्रद्धालु भक्त शदाणी दरबार जुलाई माह में पंचम माता हंसी देवी का जन्म उत्सव तथा 25 अक्टूबर को गोविंदराम जी का जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए आते हैं जिसे अष्टम संत की उपाधि प्राप्त है। 

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