Kotmi sonar Crocodile park | जानिए क्यों है? अनोखा

क्या आपको पता है Kotmi sonar Crocodile park में 200 से अधिक मगरमच्छ है, इसके कारण यह छत्तीसगढ़ का तीसरा और बिलासपुर संभाग का पहले सबसे बड़ा क्रोकोडाइल पार्क है। साथ ही यहां पुरातन अवशेष भी प्राप्त हुए हैं जिसके कारण प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार पर्यटक घूमने आते हैं।

ज्यादातर लोग इसे crocodile park akaltara के नाम से जानते हैं, क्योंकि अकलतरा से क्रोकोडाइल पार्क की दूरी 10 किलोमीटर है जिससे लोगों के लिए आसान हो जाता है यहां तक पहुंचाना।

कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क के बारे में

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के तहसील अकलतरा में कोटमी सोनार नामक एक छोटे से गाँव में स्थित है। यह कोटमी सोनार गांव उसे समय सोनारों का गांव हुआ करता था। जिसके कारण यहां उनके पुराने अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।

यह स्थान आपको बिलासपुर से 33 किलोमीटर की दूरी पर देखने को मिल जाता है और यह जांजगीर चांपा जिले से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

कोटमी सोनार में मगरमच्छ बहुत पहले से रहते हुए आ रहे हैं लेकिन एक घटना के बाद इस जगह को मगरमच्छ संरक्षण केंद्र बनाया गया। जिसके कारण कोटमी सोनार गांव प्रसिद्ध हुआ और यहां देश-विदेश से प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार पर्यटक घूमने आते हैं।

Kotmi Sonar Crocodile park | कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क

कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क का निर्माण 6 में 2006 में हुआ है जिसे श्री डॉ रमन सिंह द्वारा शिलान्यास किया गया था। यह कोटमी क्रोकोडाइल पार्क 200 एकड़ की जमीन पर है जिसमें 85 एकड़ जमीन पर जलाशय उपलब्ध है, वहीं पर 200 से अधिक मगरमच्छ सुरक्षित है।

यहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जलाशय से 10 फीट की दूरी पर डबल लेयर की मोटी जाली लगाई गई है और साथ ही वॉच टावर भी बनाया गया है जिसे यहां आने वाले लोग मगरमच्छ को देख सके।

इसके निर्माण के पीछे की कहानी यह है कि पहले मगरमच्छ इस तालाब में रहा करते थे लेकिन यहां रहने वाले लोग भी इस तालाब में स्नान करते थे और अपने मवेशियों को भी धोया करते थे। उस समय मगरमच्छ द्वारा किसी को भी नुकसान नहीं हुआ करता था, यहां सब सप्रेम रहा करते थे।

लेकिन सन 2005 में इसी तालाब में एक छोटी सी बच्ची को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया जिसके कारण लोगों के मन में मगरमच्छ के प्रति डर का भाव उत्पन्न हो गया। 

जब सरकार को घटना के बारे में पता चला तो सरकार ने सभी मगरमच्छों को रेस्क्यू कर एक जगह करके उनके संरक्षण के लिए एक केंद्र का निर्माण किया जिसे मगरमच्छ संरक्षण केंद्र कहते हैं। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा वनविभाग की मदद से इस जगह को मगरमच्छ अभ्यारण बना दिया गया।

Why is it a popular tourist destination? | यह लोकप्रिय पर्यटन स्थल क्यों है?

पहला कारण – पहले यह सोनारो का गांव हुआ करता था जिसके कारण पुरातत्व विभाग को यहां कई सिक्कों से भरे मटके और जेवरात मिले। कहते हैं कि यह गांव एक किलेनुमा आकार का हुआ करता था और यहां रहने वाले लोग बहुत अमीर हुआ करते थे।

दूसरा कारण – यहां मगरमच्छ पहले से ही रहते हुए आ रहे हैं तथा यहां निवास करने वाले लोग भी तालाब में मगरमच्छ होने के बावजूद वहां स्नान करते थे साथ ही अपने मवेशियों को भी धोया करते थे। लेकिन 2005 में एक छोटी सी बच्ची के साथ घटना होने के बाद सरकार द्वारा उस तालाब को मगरमच्छ संरक्षण केंद्र बना दिया गया। जिसके कारण यह प्रसिद्ध हुआ और लोग दूर-दूर से इसे देखने के लिए आने लगे।

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History of the Crocodile park | कोटमी मगरमच्छ पार्क का इतिहास

पुराने समय में यह यहां रहने वाले लोग बहुत अमीर हुआ करते थे क्योंकि यह एक सोनारों का गांव हुआ करता था। और गांव एक किले के समान हुआ करता था लेकिन धीरे-धीरे सब समाप्त होते गया जिसके कारण यह किला एक खंडहर के समान हो गया। 

यहां पर पुरातात्विक विभाग को उनके पुराने अवशेष और मिट्टी के मटके में भरे सोने के सिक्के और जेवरात प्राप्त हुए हैं। जिसके कारण इसके पुराने किले को “Kotmi Sonar Fort” के नाम से भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण द्वारा इसे संरक्षित स्मारक का दर्जा प्राप्त है।

Kotmi Sonar Crocodile park Photo

नीचे मैंने कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क का फोटो दिया हुआ है जिसे आप देख सकते है।

Crocodile park akaltara
Crocodile park Kotmi sonar

इस गांव में रहने वाले लोग मगरमच्छ को देवता मानते हैं और पुरातन काल में गांव में रहने वाले लोग मगरमच्छ की पूजा भी करते थे। इंसान और मगरमच्छ एक साथ बिना किसी को चोट पहुंचाए रहा करते थे, लेकिन एक घटना के कारण यहां रहने वाले लोगों का नजरिया बदल गया। लेकिन फिर भी इस गांव को देश-विदेशो में पहचान इन्ही मगरमच्छों ने दिलाई है। 

जिसके फल स्वरुप यह छत्तीसगढ़ का तीसरा और बिलासपुर संभाग का पहले सबसे बड़ा क्रोकोडाइल पार्क है और यह एक मगरमच्छ अभ्यारण भी है जिसके करण लोग यहां दूर-दूर से आते हैं।

Types of Park in Kotmi Sonar

कोटमी सोनार में क्रोकोडाइल पार्क के अलावा यहां आपको और भी बहुत से पार्क देखने को मिलते हैं जिसे आप क्रोकोडाइल पार्क के बाद घूम सकते हैं –

  1. एनर्जी पार्क
  2. साइंस पार्क
  3. ऑडीटोरियम

और भी बहुत कुछ बनाया गया है जिसे आप यहां आकर देख सकते हैं।

When to visit the park | पार्क कब जाना चाहिए?

वैसे तो आपको यहां मगरमच्छ हर समय देखने को मिल जाएंगे लेकिन अच्छा समय मैंने आपको नीचे बताया है-

  • मई से जून के माह में आपको मगरमच्छ के छोटे-छोटे बच्चे देखने को मिल जाएंगे।
  • बरसात के दिनों में भी आप यहां बहुत सारे मगरमच्छ देख सकते हैं। 
  • शाम के 4:00 बजे के बाद मगरमच्छ को खाना खिलाया जाता है इस समय आप मगरमच्छ देख सकते हैं।

Facilities and activities

नीचे मैंने पार्क में उपलब्ध सुविधाएँ और गतिविधियाँ बताई हैं –

  • Other parks
  • Restaurant
  • Resorts
  • Parking

How to get to the park | कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क तक कैसे पहुंचें?

कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क जांजगीर-चांपा जिले में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए निम्नलिखित मार्गों का उपयोग किया जा सकता है जिससे की आप यहाँ सरलता से पहुच सके:

By Road (सड़क मार्ग से): जांजगीर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

By Train (रेल मार्ग से): जाजगीर रेलवे स्टेशन स्थित है, जिससे आप बड़ी आसानी से पहुच सकते है।

By Air (हवाई मार्ग से): आप यहाँ हवाई मार्ग से बड़ी आसानी से पहुच सकते है।

Tips for visitors

  • बच्चों का हाथ पकड़कर रखे और मगरमच्छों से दूर रहें।
  • मगरमच्छों के ऊपर कुछ चीज ना फेक।
  • उनके करीब-कभी भी ना जायें।
  • उनके ऊपर दुर्व्यवहार न करें।

FAQs

1. Kotmi Sonar Crocodile Park timings

Opens every day from 7 am to 7 pm

2. Kotmi Sonar Crocodile Park ticket price

Adult ₹20 and Child ₹10

3. कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क में मगरमच्छ देखने का अच्छा समय

कोटमी सोनार क्रोकोडाइल पार्क में मगरमच्छ देखने का अच्छा समय शाम के 4:00 बजे के बाद मगरमच्छ को खाना खिलाया जाता है इस समय आप मगरमच्छ देख सकते हैं।

Conclusion | निष्कर्ष

यदि आप जांजगीर चांपा में रहने वाले व्यक्ति हैं या फिर आप इस जिले के आसपास के रहने वाले व्यक्ति हो तो आपको Kotmi Sonar Crocodile Park अपने दोस्त और परिवार वालों के साथ एक बार जरूर जाना चाहिए। यहां आपको 200 एकड़ जमीन पर मगरमच्छ के लिए बनाया गया संरक्षण केंद्र देखने को मिल जाएगा। और यह एक अभ्यारण भी है जहां आपको पार्क में सुंदर-सुंदर चित्रकला और मगरमच्छ की मूर्ति देखने को मिल जाएगी।

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धन्यवाद!

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