छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ऐसे बहुत से पर्यटक स्थल है, जिन्हें लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। इस पोस्ट में हम आपको उन्ही raipur me ghumne ki jagah के बारे में बताएंगे। जहां लोग बहुत अधिक जाना पसंद करते हैं। साथ ही हम आपको रायपुर के पास घुमने की जगह में पिकनिक स्पॉट, धार्मिक स्थल जैसे शामिल सभी पर्यटक स्थलों के बारे में बताएंगे।
इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पर्यटक स्थल द्वारा पुराने संग्रहालय में स्थित छत्तीसगढ़ के लोककला, संस्कृति से रूबरू भी कराएँगे जो raipur me ghumne ki jagah में प्रमुख है। जिसे जानने के लिए आप हमारे साथ बने रहे।
रायपुर मे घूमने की जगह | Raipur me Ghumne ki Jagah
रायपुर जिले में स्थित उन सभी प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के बारे में मैं नीचे आपको बताया है, जहां आपको छत्तीसगढ़ की खूबसूरती तथा लोककला, संस्कृति को समेट कर रखा गया है। इनमे से कुछ 100 किमी के भीतर रायपुर के पास पर्यटन स्थल है, जहां आप जाकर अपने दोस्तों तथा परिवार वालों के साथ एक यादगार बेहतरीन पल बिता सकते हैं तो यह रही रायपुर मे घूमने की जगह जहां आप जा सकते हैं।
1. महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय
रायपुर जिले में स्थित महंत घसीदास समरक संग्रहालय देश के पहले 10 संग्रहालय में से एक हैं जहां आपको पुरातात्विक प्राकृतिक इतिहास खंड तथा नृविज्ञान जैसे बहुत से ऐतिहासिक धरोहर देखने को मिलते हैं। इसकी शुरुआत 1875 में राजनंदगांव के महंत घासीदास दान से हुई हैं। रायपुर में स्थित इस महंत घासीदास म्यूजियम को “अजायब बंगला“ भी कहते हैं। यह महान घासीदास स्मारक रायपुर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रायपुर के संग्रहालय में आपको आदिवासी संस्कृति से संबंधित अनेक प्रकार की सामग्रियां देखने को मिलती हैं जैसे पुराने जमाने में बने पत्थरों के औजार, प्राचीन मूर्तियां, अभिलेख, तांबे के प्लेट आदि आपको महंत घासीदास संग्रहालय में देखने को मिल जाते हैं। यहां आप अपने दोस्तों तथा परिवार वालों के साथ जाकर इतिहास के पुरातात्विक धरोहरों को देख सकते हैं।
2. बंजारी माता मंदिर
रायपुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक बंजारी माता मंदिर रायपुर से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर MG Road में स्थित है। रायपुर जिले में स्थित यह मंदिर रायपुर के निवासियों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर रायपुर के बीरगांव रावांभाठा में स्थित है। जहां प्रतिदिन सैकड़ो भक्त माता बंजारी के दर्शन करने के लिए आते हैं। बंजारी देवी माता दुर्गा ही रूप है जिस कारण यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित हैं। पहले एक बंजर जमीन हुआ करती थी जिसमें खुदाई के दौरान बंजारी माता की मूर्ति प्राप्त हुई थी। मूर्ति को देखकर ऐसा लगता है कि यह मूर्ति 500 वर्ष पुरानी है। इसलिए यह मंदिर एक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
3. महाकौशल आर्ट गैलरी
महाकौशल आर्ट गैलरी रायपुर में स्थित एक दुर्लभ भवन है जिसमे कलाकृतियां विरासत की संपत्ति समाई है। जिसे आज के समय में महाकौशल कला वीथिका कहते हैं। इस आर्ट गैलरी में आपको स्थानीय लोगों के अनेक कलाकृतियां देखने को मिलती हैं तथा यहां कला के बहुत से प्रदर्शन एवं आयोजन रंगमंच भी मौजूद हैं। यहां स्थित अष्टकोणीय आकर की गैलरी लोगों का मुख्य आकर्षण का कारण है, जो एक दुर्लभ पत्थर मेहराबदार पत्थर से बनी है। बताया जाता है कि यह भवन 150 साल पुराना है, जिसे महंत घासीदास द्वारा सन 1875 में बनवाया गया था। यह महाकौशल आर्ट गैलरी रायपुर से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां लोग इस ऐतिहासिक दुर्लभ आर्ट गैलरी को देखने के लिए जाते हैं।
4. स्वामी विवेकानंद सरोवर (बूढ़ा तालाब) रायपुर
रायपुर से मार्च 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वामी विवेकानंद सरोवर जिसे लोग बूढ़ा तालाब के नाम से जानते हैं। यह रायपुर का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, जहां आपको प्रकृति के बहुत से सुंदर नजारे देखने को मिलते हैं। तथा स्वामी विवेकानंद सरोवर raipur me ghumne ki jagah में शामिल एक बहुत ही सुंदर सरोवर है। सरोवर में स्थित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं। यहां स्थित स्वामी विवेकानंद की मूर्ति की ऊंचाई 37 फिट है। जिसका अनावरण सन 2000 में पूर्व मुख्यमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा किया गया था। बूढ़ा तालाब के नाम से प्रसिद्ध यह तालाब रायपुर के सबसे पुराने तालाबों में से एक हैं स्थल आपके निर्माण के साथ कंकालिन तालाब का निर्माण भी किया गया था। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
5. मरही माता मंदिर
रायपुर जिले में स्थित मरही माता मंदिर एक प्राचीन मंदिर हैं। यह मंदिर ब्रिटिश शासन के समय का बताया जाता है। मर ही माता मंदिर जिला मुख्यालय रायपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल के पास स्थित है। मरही माता मंदिर का इतिहास 101 वर्ष पुराना बताया जाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित माता मरही मां दुर्गा का स्वरूप है इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर हॉस्पिटल के पास स्थित होने के कारण श्रद्धालु भक्तों के लिए यह एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। मरही माता मंदिर डोमार समाज की कुल कहीं जाती हैं। वही मीठी रोटी माता का प्रमुख भोग है। जिसे माता के प्रमुख भक्त दास नागदेव पिछले 40 वर्षों से अपने घर यह भोग बनाकर माता के लिए लाते हैं।
6. एमएम फन सिटी
एमएम फन सिटी रायपुर में स्थित एक बहुत ही खूबसूरत वाटर पार्क है, जहां आप जाकर अपने दोस्तों तथा परिवार वालों के साथ बहुत से मनोरंजन के गतिविधियां कर सकते हैं। एमएम फन सिटी रायपुर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रायपुर में स्थित इस वाटर पार्क को शहर की व्यस्त जिंदगी से दूर शांत वातावरण में स्थापित किया गया है। यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा जल मनोरंजन पार्क है, जहां आपको मजेदार वॉटर स्लाइड, पारिवारिक पुल, रेन डांस, वेव पूल जैसे बहुत से क्षेत्र देखने को मिलते हैं। जहां आप अपने दोस्तों तथा परिवार वालों के साथ एक मौज मस्ती से भरी यादगार पल बिता सकते हैं।
7. मरीन ड्राइव
रायपुर में स्थित मरीन ड्राइव एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल हैं, जो तेलीबांधा झील की परिधि के साथ रायपुर शहर के मध्य में स्थित हैं। पर्यटकों को आकर्षण करने के लिए सरकार ने सावधानीपूर्वक उसे पूरे क्षेत्र को सौंदर्यता के साथ निर्मित किया है। मरीन ड्राइव रायपुर से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस खूबसूरत पर्यटक स्थल पर आपको स्वच्छता की झलक देखने को मिलती हैं। आसपास यहां फूड स्टॉल तथा सेल्फी पॉइंट स्थापित है। जिससे कि पर्यटक अपने व्यस्त जीवन से प्राकृतिक सुंदरता को महसूस कर सके। इस सुंदर झील के मध्य में 269 फीट ऊंचे तिरंगे को बनाया गया है। जो भी एक आकर्षण का कारण है। यहां आप अपने दोस्त परिवार के साथ खूबसूरत पल बिताने के लिए आ सकते हैं।
8. महामाया मंदिर रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित सबसे प्राचीन एवं प्रसिद्ध मंदिर जो चमत्कारी कहानियां से से भरी हुई है। हम बात कर रहे हैं रायपुर के महामाया मंदिर की जो 1400 वर्ष पुरानी है। रायपुर के महामाया मंदिर का इतिहास तथा प्रसिद्ध 14 साल से चली आ रही है। यह माँ महामाया मंदिर हैहयवंशी राजाओं की कुलदेवी मानी जाती हैं। जिसके दर्शन करने के लिए भक्ति देश-विदेश से आते हैं। मां महामाया मां दुर्गा का स्वरूप है इसलिए यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। मंदिर की आकृति गुंबज श्री यंत्र के आकार का बनाया गया है। तथा मंदिर के गर्भगृह में मां महामाया देवी की, मां महाकाली के स्वरूप में अपनी भव्य प्रतिमा के साथ विराजमान है। इसलिए यह मंदिर रायपुर के निवासियों के लिए एक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
9. गांधी उद्यान पार्क
राजधानी रायपुर से लगभग 3.5 किलोमीटर की दूरी पर गांधी उद्यान पार्क स्थित है। जो पर्यटकों के लिए एक शांति में स्थल से काम नहीं। गांधी उद्यान पार्क एक बहुत ही खूबसूरत पार्क हैं जिस शहर के मध्य में बनाया गया है यह पार्क प्रसिद्ध भगत सिंह चौक तक फैला हुआ है। पार्क में आपको खूबसूरत प्राकृतिक वनस्पतियां देखने को मिलती हैं जो आपको शांति का अनुभव करती हैं। गांधी उद्यान पार्क सुबह तथा शाम की सैर के लिए एक उपयुक्त स्थान है। यदि आप सूर्योदय के समय पार्क आते हैं तो आपको बहुत ही सुखद अनुभव प्राप्त करने को मिलता है। पार्क में आपको खेल मैदान भी देखने को मिलता है, जहां आप योग क्रियाएं कर सकते हैं। आप यहां अपने परिवारों के साथ सुबह का खूबसूरत पल बिताने के लिए जरूर आए। यहां आपको कुछ शुल्क देना पड़ता है जिसमें दो पहिया वाहनों के लिए ₹10 तथा चार पहिया वाहनों के लिए ₹20 शुल्क देना पड़ता है।
10. ऊर्जा पार्क (एनर्जी पार्क )
रायपुर के वीआईपी रोड पर स्थित ऊर्जा पार्क बहुत ही खूबसूरत पार्क है जिसे लोग एनर्जी पार्क भी कहते हैं। यह ऊर्जा पार्क रायपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पार्क में आपको बहुत सी आनंदित करने वाली चीज देखने को मिलती हैं, जैसे झरने, झूले तथा एडवेंचरस सामग्रियां जो बच्चों तथा बड़ों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रेन, छोटा वॉटरफॉल तथा मिनी ऑडिटोरियम जैसे बहुत से मनोरंजन की चीज देखने को मिलती है। जहां आप अपने दोस्तों तथा परिवार वालों के साथ जाकर एक खूबसूरत पल बिता सकते हैं। आपके यहां सुबह के समय जाकर बेहतरीन ताजगी का लुफ्त उठाना चाहिए।
11. कौशल्या माता मंदिर
पूरा छत्तीसगढ़ कहे या पूरा भारत माता कौशल्या देवी का प्राचीन मंदिर जो छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित है। यह मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है जिसमें भगवान राम की माता कौशल्या देवी की पूजा की जाती हैं। पुराणों में बताया गया है की माता कौशल्या का यह जन्मभूमि था। मंदिर का इतिहास बहुत ही प्राचीन है मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। यह मंदिर चंदखुरी नामक गांव में स्थित है। यह मंदिर रायपुर जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा माता कौशल्या का मंदिर एक बड़े तालाब के बीचों बीच स्थित है। जो भव्य रूप से निर्मित की गई है। मंदिर प्रांगण में रामायण काल के बहुत से दृश्य बनाए गए हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। मंदिर के पास कौशल्या के पुत्र हमारे श्री राम जी की 51 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई गई है, जो दूर से भव्य तरीके से दिखाई देती हैं।
12. श्री राम मंदिर रायपुर
रायपुर से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर रायपुर के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक श्री राम मंदिर स्थित है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। श्री राम मंदिर की रूपरेखा बहुत ही भव्य तरीके से बनाई गई है जिसमें मंदिर के अंदर श्री राम तथा माता सीता की बहुत ही प्यारी प्रतिमा स्थापित की गई है। श्री राम मंदिर रायपुर में भगवान राम की पूजा करने के बाद स्वादिष्ट भोग श्री राम को परोसने के बाद अन्य लोगों में वितरण किया जाता है। यहां बनने वाले प्रसाद बहुत ही स्वादिष्ट होते हैं जिसे खाने के लिए लोग दूर-दूर से श्री राम मंदिर में आते हैं। यह मंदिर ट्रस्ट के द्वारा मात्र ₹20 में लोगों को स्वादिष्ट भोजन कराया जाता है जो सुबह 10:30 से 2:00 बजे तक होता है।
13. राजीव गांधी स्मृति वन
14 एकड़ से अधिक विशाल क्षेत्र पर बना यह राजीव स्मृति वन एक बहुत ही खूबसूरत पर्यटक स्थल है। जो जवाहर नवोदय विद्यालय के पास स्थित है। यह स्मृति वन रायपुर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। राजीव गांधी स्मृति वन का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी की स्मृति में निर्मित किया गया है। यह स्थान बच्चों के अलावा बड़ों को भी अत्यधिक पसंद है क्योंकि सुबह की ताजगी के समय सूर्योदय देखना अपने आप में सुखद अनुभव होता है। जिसके चलते प्रतिदिन यहां सुबह से शाम लोगों की हलचल बनी रहती हैं। आप इस खूबसूरत गांधी स्मृति वन अपने परिवार तथा दोस्त के साथ घूमने आ सकते हैं।
14. हाटकेश्वर महादेव मंदिर
राजधानी रायपुर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर प्रसिद्ध श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर रायपुर में स्थित है जो 600 वर्ष पुरानी है। हाटकेश्वर महादेव मंदिर को भाव रूप से निर्मित कर गर्भगृह में भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित किया गया है। मंदिर का इतिहास 1402 ईसवी पूर्व के आसपास का बताया जाता है जो उसे समय के कलचुरी शासको के हाजीराज नाइक द्वारा कराया गया था। रायपुर में स्थित श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर उज्जैन के महाकाल मंदिर के दर्शन करने जितना महत्व प्रदान करता है। श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर में 500 वर्षों से अखंड धूनी प्रज्वलित कराई जा रही है। जिसके कारण यह मंदिर महादेव के भक्तों के लिए एक बहुत ही बड़ा आशा का केंद्र बना हुआ है। तथा जो लोग उज्जैन के महाकाल मंदिर नहीं जा पाए वह रायपुर के श्री हाटकेश्वर महादेव मंदिर जाकर महादेव के दर्शन करते हैं।
15. श्री जगन्नाथ मंदिर रायपुर
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसे उड़ीसा से मूर्ति लाकर यहां स्थापित किया गया है। हम बात कर रहे हैं श्री जगन्नाथ मंदिर की जो रायपुर जिले से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जगन्नाथ मंदिर से आपको मुख्य मंदिर श्री जगन्नाथ मंदिर उड़ीसा की याद आ रही होगी। लेकिन रायपुर जिले में स्थित यह श्री जगन्नाथ मंदिर मुख्य मंदिर का रूप है। क्योंकि मूर्ति को उड़ीसा से ही बनवाकर लाया गया था तथा मंदिर के गर्भ ग्रह में स्थित भगवान की श्रृंगार के लिए भी पुरी से श्रृंगार मंगवाए जाते हैं। रायपुर के श्री जगन्नाथ मंदिर का निर्माण सन 2003 में किया गया था। जो छत्तीसगढ़ के निर्माण के 3 साल बाद ही कराया गया था। मंदिर रायपुर के निवासियों के लिए एक बड़ी आस्था का केंद्र है क्योंकि जो उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी धाम नहीं जा सकते वह रायपुर में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर पूजा अर्चना करते हैं।
इसे भी पढ़े – Angarmoti Mandir ( प्रसिद्ध अंगार मोती मंदिर धमतरी )
16. नंदनवन जंगल सफारी
राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन से मात्र 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मानव निर्मित जंगल सफारी पूरे एशिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी है जो मानव निर्मित है। यह नंदनवन जंगल सफारी 800 एकड़ में फैला हुआ है, जहां आपको सभी तरह के जानवर देखने को मिलते हैं। जंगल सफारी के 130 एकड़ मेंजलाशय लिखकर निर्माण किया गया है। आपके यहां बहुत से जानवर खुले में विचरण करते नजर आएंगे जो देखने पर आपको एक अलग ही एहसास देगा। रायपुर के नंदनवन जंगल सफारी में को आपको बंगाल टाइगर, सफेद टाइगर जैसे शेर के बहुत से प्रजातियांयहां देखने को मिल जाएंगे। सफारी की पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए यहां 55000 पौधे को रूपी कर पेड़ बनाया गया है। इसी कारण नंदनवन जंगल सफारी रायपुर बहुत ही प्रसिद्ध है, जिसके कारण पर्यटक देश-विदेश से जंगली जानवरों को देखने के लिए रायपुर भारी संख्या में आते हैं।
17. हनुमान मंदिर रायपुर
छत्तीसगढ़ में बहुत से प्रसिद्ध हनुमान मंदिर स्थित है जो अपनी प्रसिद्धि के लिए जाने जाते हैं। उन्हें में से एक रायपुर जिले में स्थित हनुमान मंदिर है। मंदिर का इतिहास 400 वर्ष पुराना बताया जाता है जिसमें कहा जाता है कि महावीर हनुमान जी स्वयं यहां प्रकट हुए थे। तब से यहां भगवान हनुमान जी की भव्य प्रतिमा को विराजमान करके मंदिर का निर्माण कराया गया था। तब रायपुर के हनुमान मंदिर अंबिकापुर में स्थित हनुमान मंदिर की तरह प्रसिद्ध है जो प्रतिदिन आकार में बढ़ती जाती हैं लेकिन रायपुर में स्थित है हनुमान मंदिर पहले तो एकदम सीधी थी लेकिन अब एक तरफ झुक गई है जिसका मुख्य कारण तो किसी को नहीं पता। जो जिला मुख्यालय से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रायपुर के इस हनुमान मंदिर में मंगलवार तथा शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती हैं। जिसमें भक्त महावीर हनुमान के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।
18. श्री खाटू श्याम मंदिर
रायपुर जिले के समता कॉलोनी में एक भव्य मंदिर स्थित है जिसमें मंदिर की आकृति विशाल तरीके से बनाई गई हैं। हम बात कर रहे हैं श्री खाटू श्याम मंदिर रायपुर की जो अपने भव्य तथा प्रसिद्ध के लिए जानी जाती हैं। यह मंदिर श्री खाटू श्याम भक्तों के लिए एक बड़ी आस्था का केंद्र है जो रायपुर में श्री खाटू श्याम के मंदिर ढूंढते हैं। श्री खाटू श्याम मंदिर में हर साल भक्तों की भारी संख्या देखी जाती हैं। तथा यहां पर बहुत से उत्सव कराए जाते हैं जिसमें फाल्गुन उत्सव की भव्य तरीके से समारोह कराया जाता है जिसमें रायपुर के आसपास के अन्य बड़े शहर के लोग उपस्थित होते हैं। मंदिर की प्रसिद्ध बहुत ज्यादा होने के कारण यहां खाटू श्याम बाबा की पूजा अर्चना में भक्तों की बड़ी लंबी भीड़ लगी रहती हैं। यदि आप रायपुर जैसी खाटू श्याम बाबा के दर्शन करना चाहते हैं तो यह रायपुर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
19. पुरखौती मुक्तांगन
पुरखौती मुक्तांगन रायपुर जिले में स्थित एक ऐसा संग्रहालय है जिसमें छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, खूबसूरती तथा पर्यटक स्थल इत्यादि की सुंदरता झड़कती हैं। यह मुक्तांगन जिला मुख्यालय से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां आप जाकर छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, प्रमुख पर्यटन स्थल, लोककला, ग्राम जीवन इत्यादि के दर्शनकर उसके बारे में जान सकते हैं। यह पुरखौती मुक्तांगन संग्रहालय लगभग 200 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ एक विशाल सांस्कृतिक संग्रहालय है। इसका उद्घाटन सन 2006 में माननीय एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ राज्य में निवास करने वाले उन सभी जनजातीय की संस्कृति तथा विरासत को समझने के लिए तथा उसके बारे में जानने के लिएबेहतर रूप से ज्ञान प्रदान करता है। पुरखौतियों मुक्तांगन रायपुर जाने के बाद आपको छत्तीसगढ़ के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा, इसके लिए आपको यहां एक बार जरूर जाना चाहिए।
20. शदानी दरबार
शदानी दरबार मंदिर रायपुर जिले में स्थित हिंदू समाज के लिए धार्मिक तथा तीर्थ स्थल से काम नहीं है। जो जिला मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर का इतिहास 7वीं शताब्दी के आसपास का बताया जाता है मंदिर का निर्माण संत सदाराम महाराज जी की पुण्यतिथि के अवसर पर निर्मित कराया गया था। मंदिर की रूपरेखा भव्य तरीके से निर्मित कराई गई है जिसमें मंदिर में बहुत से देवी देवताओं के प्रतिमाओं को चित्रित किया गया है जो बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं। जिसके कारण यह मंदिर यहां के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा आशा का केंद्र बना हुआ है। शदानी दरबार पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे भारत के हिंदू समाज के लिए धार्मिक तथा तीर्थ स्थल से काम नहीं।
How to reach ( रायपुर कैसे पहुचें? )
यदि आप रायपुर जिले के निवासी हैं तथा आप raipur me ghumne ki jagah की उन बेहतरीन जगह पर जाना चाहते है, तो आप वहां बड़ी आसानी से इन यात्रा के साधन द्वारा पहुंचकर उन बेहतरीन जगह कालुफ्त उठा सकते हैं। साथ ही यदि आप रायपुर जिले के बाहर के निवासी हैं तो भी मैंने आपके लिए यात्रा के साधन नीचे सुझाए हैं जिनकी सहायता से आप रायपुर पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा – सड़क मार्ग द्वारा आप बस, कार, मोटरसाइकिल तथा टैक्सी द्वारा बड़ी आसानी से रायपुर में स्थित रायपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जा सकते हैं।
ट्रेन द्वारा – यदि आप रायपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जाना चाहते हैं तो आप ट्रेन की सहायता से रायपुर पहुंचकर रायपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलो पर जा सकते हैं।
हवाई द्वारा – हवाई मार्ग के द्वारा आप बड़ी आसानी से रायपुर किसी भी जगह से पहुंच सकते हैं तथा यहां पहुंचकर आप रायपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल की सैर कर सकते हैं।